बचकानी बातें
तेरी ये बचकानी बातें , तेरी वो बचकानी बातें ।।
हर रोज जगाया करती मुझको वो शैतानी बातें ।
तेरी ये बचकानी बातें .........
हंसना और शर्माना तेरा करती दिल पे घातें ।
पीछे मुड़ फिर आगे बढ़ती हो जाती बरसातें ।
जुल्फ हटे गालों से खुले हजारों दिल मे खाते ।
तेरी ये बचकानी बातें .........
अधरों की लाली से झलके , चाहत की...
हर रोज जगाया करती मुझको वो शैतानी बातें ।
तेरी ये बचकानी बातें .........
हंसना और शर्माना तेरा करती दिल पे घातें ।
पीछे मुड़ फिर आगे बढ़ती हो जाती बरसातें ।
जुल्फ हटे गालों से खुले हजारों दिल मे खाते ।
तेरी ये बचकानी बातें .........
अधरों की लाली से झलके , चाहत की...