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दिल में राम जी बस्ते
मन मंथन मंथन सब करते।
रामम रामम हम सब जपते।
जपते जपते कभी न थकते।
जिसके दिल राम जी बस्ते।
जुबां पे जब नाम राम रखते।
सारे सुख राम जी से मिलते।
हर संकट हो जाते हैं छूमंतर!
राम सिया जब हमसब जबते।
वाशी जाऊं, या काशी जाऊं।
हर के लब पे राम राम सजते।
© महज़
रामम रामम हम सब जपते।
जपते जपते कभी न थकते।
जिसके दिल राम जी बस्ते।
जुबां पे जब नाम राम रखते।
सारे सुख राम जी से मिलते।
हर संकट हो जाते हैं छूमंतर!
राम सिया जब हमसब जबते।
वाशी जाऊं, या काशी जाऊं।
हर के लब पे राम राम सजते।
© महज़
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