ग़ज़ल
तुम को आज़ाद कर रहें हैं हम
ख़ुद को बर्बाद कर रहें हैं हम
बन गए हैं जहां में इक जोकर
सब को अब शाद कर रहें हैं हम
हों असरदार शे'र इस बा'इस...
ख़ुद को बर्बाद कर रहें हैं हम
बन गए हैं जहां में इक जोकर
सब को अब शाद कर रहें हैं हम
हों असरदार शे'र इस बा'इस...