काश
युगो से सुनते आ रहे है 'काश' की गाथा।
काश वो वहां ना जाति तो द्रौपदी को कोई छु भी ना पाता ।
काश सीता ना निकली होती कुटिया के पार तो रावण क्या उन्हे ले जा पाता ।
पर काश गौर से पढ़ी होती सबने महाभारत की गाथा
की कैसे स्त्री के अपमान मे उस युद्ध ने था सबको साधा ।
काश ये समाज रामायण से कुछ सीख पाता
की अन्धकार कभी सूरज की किरणों को घेर नहीं पाता।
पर काश ने अपना पक्ष खुद...
काश वो वहां ना जाति तो द्रौपदी को कोई छु भी ना पाता ।
काश सीता ना निकली होती कुटिया के पार तो रावण क्या उन्हे ले जा पाता ।
पर काश गौर से पढ़ी होती सबने महाभारत की गाथा
की कैसे स्त्री के अपमान मे उस युद्ध ने था सबको साधा ।
काश ये समाज रामायण से कुछ सीख पाता
की अन्धकार कभी सूरज की किरणों को घेर नहीं पाता।
पर काश ने अपना पक्ष खुद...