रात सखियारी
रात जब गहरा जाती रही
पास बैठने को वो आती रही,
दो बातें हो या बहुत सारी
करने को बैठ है जाती,
सुनती है...
पास बैठने को वो आती रही,
दो बातें हो या बहुत सारी
करने को बैठ है जाती,
सुनती है...