...

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जून
#जून
चार जून की बात है
उसमें भी कुछ घात है
कौन बनेगा समय का साहु
बतलाता ये औकात है

कुछ छुट गए कुछ साथ है
वक्तसा बदलता जज्बात है
कुछ किस्सा रह गया अधुरा
कुछ किस्सा बहुत खास है

मेरे दर्दको सब देते दांत है
मैं बुरा बुरी मेरा हालात है
खुशी बस नाम की है यारो
दर्द बना पुनम की रात है