सबक ज़िंदगी का
कुछ लोग
सबक बनकर आते हैं
वो खुद को चोट पहुँचा
हमें आज़माते हैं
कितना दौडेंगे इनके पीछे
छोड़ दो, राह मोड़ दो
बस सीख लो इनसे
क्योंकि
कुछ लोग
बस, सबक बनकर आते हैं।
© jignaa___
सबक बनकर आते हैं
वो खुद को चोट पहुँचा
हमें आज़माते हैं
कितना दौडेंगे इनके पीछे
छोड़ दो, राह मोड़ दो
बस सीख लो इनसे
क्योंकि
कुछ लोग
बस, सबक बनकर आते हैं।
© jignaa___