टुकड़े हज़ार
दिल के टुकड़े हज़ार हुए
अब क्या जोड़ोगे
जब टुकड़े करते हुए ना सोचा
तो अब इन टुकड़ों के चुभने पर क्यों रोते हो
जब उन सपनो को तुमने तोड़ा है
तो दवा लगाने का नाटक क्यों करते हो
दिल के टुकड़े हज़ार हुए
अब क्या जोड़ोगे
मेरे चले जाने पर मिलने के लिए क्यों तडपते हो
मर तो गए है अब...
अब क्या जोड़ोगे
जब टुकड़े करते हुए ना सोचा
तो अब इन टुकड़ों के चुभने पर क्यों रोते हो
जब उन सपनो को तुमने तोड़ा है
तो दवा लगाने का नाटक क्यों करते हो
दिल के टुकड़े हज़ार हुए
अब क्या जोड़ोगे
मेरे चले जाने पर मिलने के लिए क्यों तडपते हो
मर तो गए है अब...