...

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तेरी याद
मैं तेरी याद को इस दिल से भूलाता कैसे?
तू किसी रेत पे लिखी हुई तहरीर नहीं।
वक़्त के साथ जो मिट जाए वो तस्वीर नहीं ।

फ़ासले कितने ही पैदा मेरे हालात करे।दूर तुझसे दिल ए नाशाद नहीं हो सकता।
हाथ से लाख मुझे तुझसे छुड़ाने आए।मैं तेरी याद से आज़ाद नहीं हो सकता।
याद फिर याद है टूटी हुई ज़ंजीर नहीं ।वक़्त के साथ जो मिट जाए वो तस्वीर नहीं ।

दिल है सीने में धड़कता हुआ…पत्थर तो नहीं।ये ख़यालों की तपीश से भी पिघल जाता है।
जब तसव्वुर में कभी सामने तू आ जाए।तेरे मिलने को तड़पता है मचल जाता है ।
भूल जाने की तुझे कोई भी तबदीर नहीं।वक़्त के साथ जो मिट जाए वो तस्वीर नहीं ।

ऐ मेरे खोये हुए चैन…मेरे दिल के करार।उम्र ये कैसे कटेगी जो ना पाऊँगा तुझे।
ज़िंदगी है तो मोहब्बत के …में अपने हर ख़्वाब की तस्वीर बनाऊँगा तुझे।
कौन सा ख़्वाब है जिस ख़्वाब की ताबिर नहीं वक़्त के साथ जो मिट जाए वो तस्वीर नहीं ।
मैं तेरी याद को इस दिल से भूलाता कैसे.
आप थे, आप हों
और हमेशा आप ही रहोगी
© ShashiN