मेरा पहला प्यार
अजनबी था,
पर थी मेरी ही पहचान उसमे,
जो देख ले एकबार,
सुकून के सागर में,
दिल डूब जाए,
उससे पहली मुलाकात ,
याद है मुझे आज भी,
आँखों में शर्म थी ,
और दिल में ज़ुबान,
काँपते थे होंठ उसके
पर रुक से
जाते थे उसके
अल्फ़ाज़ वहां,
बिना दीदार,
बातें होने लगीं
उससे हज़ार,
दिल यूँ मेरा भी,
गया था हार,
वो बन बैठा मेरा
पहला प्यार,
हिम्मत जुटाकर
सामने आया वो,
और कह दिया उसने
अपने दिल का हाल,
डर गई, सहम सी गयी मैं,
हाँ या ना के भवंर में
फंस गई मैं,
ना तो हामी भरी
ना ही किया इंकार,
डर था मुझे,
कही दूर न हो जाए
मेरा पहला प्यार,
आज भी दिल उसके,
ही पास है मेरा,
उसी की तो यादो ने
लगा रखा है डेरा,
क्या मैं भी बयां
करूँ उसे अपना प्यार?
आखिर कैसे करूँ
इज़हार?
वो था, वो है,
और वो ही रहेगा,
मेरा पहला प्यार,
मेरा पहला प्यार।
© parth
पर थी मेरी ही पहचान उसमे,
जो देख ले एकबार,
सुकून के सागर में,
दिल डूब जाए,
उससे पहली मुलाकात ,
याद है मुझे आज भी,
आँखों में शर्म थी ,
और दिल में ज़ुबान,
काँपते थे होंठ उसके
पर रुक से
जाते थे उसके
अल्फ़ाज़ वहां,
बिना दीदार,
बातें होने लगीं
उससे हज़ार,
दिल यूँ मेरा भी,
गया था हार,
वो बन बैठा मेरा
पहला प्यार,
हिम्मत जुटाकर
सामने आया वो,
और कह दिया उसने
अपने दिल का हाल,
डर गई, सहम सी गयी मैं,
हाँ या ना के भवंर में
फंस गई मैं,
ना तो हामी भरी
ना ही किया इंकार,
डर था मुझे,
कही दूर न हो जाए
मेरा पहला प्यार,
आज भी दिल उसके,
ही पास है मेरा,
उसी की तो यादो ने
लगा रखा है डेरा,
क्या मैं भी बयां
करूँ उसे अपना प्यार?
आखिर कैसे करूँ
इज़हार?
वो था, वो है,
और वो ही रहेगा,
मेरा पहला प्यार,
मेरा पहला प्यार।
© parth