...

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मर्ज-ए-वफ़ा
जान लिया होता तो मोहब्बत हो जाती
ना जानकर मर्ज-ए-वफा से महफूज कर दिया

आँखों में झांक लिया होता तो सारे जख्म देख लेते।
ना देख कर एक शायर महफ़ूज़ कर दिया। जमाने को एक लेखक दे दिया

मिल गए होते तो तुझे खोने का डर होता
ना मिलकार, मुझे निडर बना दिया।
बेज़ार दिल को शेर दिल कर दिया।

बेहतर हो गई हू ना मै?


© ---AFNAN SIDDIQUE .