...

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में रूठा तुम भी रूठ गई फिर मनाएगा कोन
मैं रूठा तुम भी रूठ गई
फिर मनाएगा कौन ?

आज दरार है ,
कल खाई होगी फिर भरेगा कौन ?

मैं चुप , तुम भी चुप
इस चुप्पी को फिर तोडे़गा कौन ?

छोटी बात को लगा लोगी दिल से ,
तो रिश्ता फिर निभाएगा कौन ?

दुखी मैं भी और तुम भी बिछड़कर ,
सोचो हाथ फिर बढ़ाएगा कौन ?

न मैं राजी , न तुम राजी ,
फिर माफ़ करने का बड़प्पन
दिखाएगा कौन ?

डूब जाएगा यादों में दिल कभी ,
तो फिर धैर्य बंधायेगा कौन ?

एक अहम् मेरे , एक तेरे भीतर भी ,
इस अहम् को फिर हराएगा कौन ?

ज़िंदगी किसको मिली है सदा के लिए ?
फिर इन लम्हों में अकेला
रह जाएगा कौन ?

मूँद ली दोनों में से गर किसी दिन
एक ने आँखें....
तो कल इस बात पर फिर
पछतायेगा कौन ?

💔😔💔
© Dilchhujaye7