...

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मैं समुंदर की लहर!🌊🐚
मैं समुंदर की लहर!
मेरा नहीं है कोई ठिकाना
चल रही हूं ,चल रही हूं
चलते ही मुझको है जाना ।।

🌊🌊🌊🌊🌊🌊

तूफान भी आता है सहने को
लिए परिश्रम जैसे गहने को,
आज यहां हूं,कल वहां हूं
समय को ही मंजिल है माना ।
चल रही हूं ,चल रही हूं
चलते ही मुझको है जाना ।।

मैं चंचल सी रहती हूं,
खारापन अपना खुद सहती...