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जिंदगी
कभी कभी जिदंगी आपको जान बूझ कर परेशानियों में उलझाती है
कभी वो आपके सब्र का इम्तिहान लेती है
तो कभी आपके हौसले को बुलंद करने के लिए आपको पग पग पे काटे बुन देती है
आप खुद को कैसे संभालते हो उलझनों में
आप परेशानियों को किस नज़रिए से देखते हो
ये समझने की कोशिश करती है
आपको चुनौतियों से लड़ कर जिदंगी जीने की सीख देने के लिए
आपके जीवन को सरलता से जीने का पाठ पढ़ाने के लिए
आपको अलग अलग तराजू में तोलती है
जब आप उसके परीक्षा में उत्तीर्ण होते हो तो
वो आपको नए सिख, नए विचारों, नए ख्यालातों से रुबरू करवा
वो आपको आपके परिश्रम का बेस्किमती इनाम देती है
आपको अव्वल दर्जे की जिदंगी, खुशी, मुकाम देती है
फिर जिदंगी झुक कर आपके जज्बे को सलाम करती है
© Poetry Girl
कभी वो आपके सब्र का इम्तिहान लेती है
तो कभी आपके हौसले को बुलंद करने के लिए आपको पग पग पे काटे बुन देती है
आप खुद को कैसे संभालते हो उलझनों में
आप परेशानियों को किस नज़रिए से देखते हो
ये समझने की कोशिश करती है
आपको चुनौतियों से लड़ कर जिदंगी जीने की सीख देने के लिए
आपके जीवन को सरलता से जीने का पाठ पढ़ाने के लिए
आपको अलग अलग तराजू में तोलती है
जब आप उसके परीक्षा में उत्तीर्ण होते हो तो
वो आपको नए सिख, नए विचारों, नए ख्यालातों से रुबरू करवा
वो आपको आपके परिश्रम का बेस्किमती इनाम देती है
आपको अव्वल दर्जे की जिदंगी, खुशी, मुकाम देती है
फिर जिदंगी झुक कर आपके जज्बे को सलाम करती है
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