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मेरा साया!
गर्जना होगी भयंकर,
मेघ घनघोर छाएंगे,
बेहद तुम्हें डराएंगे,
चमक होगी भयंकर,
बिजलियां कड़केंगी,
तुम्हें बहुत सताएंगी,
बरसेगी आफ़त भयंकर,
सच में, तूफ़ानी बारिश आ जाएगी,
आशाएं उम्मीदें बहा ले जाएंगी,
लेकिन होगा तुम्हारा बाल न बांका,
ममतामयी छतरी इक अनोखी,
सदा सिर पे तुम्हारे पाएंगी,
होगी कोशिशें उनकी हज़ार,
एकजुट होकर ये सारे यक़ीनन आएंगे,
लेकिन तुम्हें हर्गिज़ डरा न पाएंगे,
हो जाएगा उन्हें मालूम बखूबी —
इस मां का साया सदा साथ तुम्हारे पाएंगे!
—Vijay Kumar
© Truly Chambyal
मेघ घनघोर छाएंगे,
बेहद तुम्हें डराएंगे,
चमक होगी भयंकर,
बिजलियां कड़केंगी,
तुम्हें बहुत सताएंगी,
बरसेगी आफ़त भयंकर,
सच में, तूफ़ानी बारिश आ जाएगी,
आशाएं उम्मीदें बहा ले जाएंगी,
लेकिन होगा तुम्हारा बाल न बांका,
ममतामयी छतरी इक अनोखी,
सदा सिर पे तुम्हारे पाएंगी,
होगी कोशिशें उनकी हज़ार,
एकजुट होकर ये सारे यक़ीनन आएंगे,
लेकिन तुम्हें हर्गिज़ डरा न पाएंगे,
हो जाएगा उन्हें मालूम बखूबी —
इस मां का साया सदा साथ तुम्हारे पाएंगे!
—Vijay Kumar
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