कहने को
तुझमे मुझको दिखता रब
लड़की है तू कहने को
मुझको तू लगती भगवान का रूप
इंसां है तू कहने को
मेरे लिए तू पूरा गुलज़ार
एक कली तू कहने को
तेरा हो गया हूँ कबसे
औरों का तो बस कहने को
ग़ज़लें मेरी तो तेरे लिए
औरों के लिए तो कहने को
तेरे लब़ों से पीता मय़
ज़ाहिद तो हूँ कहने को
इच्छा मेरी तू ही हरदम
बांकि तो बस कहने को
...
लड़की है तू कहने को
मुझको तू लगती भगवान का रूप
इंसां है तू कहने को
मेरे लिए तू पूरा गुलज़ार
एक कली तू कहने को
तेरा हो गया हूँ कबसे
औरों का तो बस कहने को
ग़ज़लें मेरी तो तेरे लिए
औरों के लिए तो कहने को
तेरे लब़ों से पीता मय़
ज़ाहिद तो हूँ कहने को
इच्छा मेरी तू ही हरदम
बांकि तो बस कहने को
...