दिल
कहते हैं दिल मुठ्ठी बराबर होता है
तो इतने दर्द का बोझ कैसे ढोता है
पढ़ा है मैंने मांस, धमनी और नसों से भरा है
तो टूटने पे क्यों कहते हैं लोग की मेरा दिल मरा है
इश्क़ में मेहबूब देख के दिल की धड़कन रुक जाती है
कभी आओ ICU...
तो इतने दर्द का बोझ कैसे ढोता है
पढ़ा है मैंने मांस, धमनी और नसों से भरा है
तो टूटने पे क्यों कहते हैं लोग की मेरा दिल मरा है
इश्क़ में मेहबूब देख के दिल की धड़कन रुक जाती है
कभी आओ ICU...