...

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प्यार नशा है..
ये प्यार नशा है, मदहोशी है।
ज़रा होश है, ज़रा बेहोशी है।।

इक दीवानगी है, आवारगी है।
इस दिल की यही, बेचारगी है।।

इक साजिश है जो, सोची समझी।
पता है फिर भी, शिकार हैं हम भी।।

इस दर्द का, दोषी दिल यही है।
प्यार को, बस फ़क़त हासिल यही है।।

इस झूठ की, आरज़ू सच्ची है।
सपनों के महल की, दीवार कच्ची है।।

जिस ख्वाब को, आँख ये सँजोती है।
टूट जाने पे, बहुत...