...

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कुरुkshetra से अdhik - 'मन'
दिन में कोई जीने नहीं देता
रात को जीने का उत्साह सोने नहीं देता।

सुबह फिर धूप खिलती है
और मेरी हसी मुर्जाती है।

रात को फिर चाँद खिलता हैं
और मेरा चेहरा खिल उठता है।

उस अंधकार में चांद टीम टिमटे तारे दिखाता है
और मेरी आंखे तारो...