...

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दुनियादारी
याद रखो तुम कर्जदार हो जीवन देने वालों की
याद रखो उधार है तुम पर पालन करने वालों की

याद रखो नौकर की सेवा, फल नौकर ही पाएगा
होगा यहां कितना भी अमीर पर वहां गरीब हो जाएगा

इसलिए मात पित गुरु की सेवा सदैव ही अपने हाथ करो
हुई जो गलती जीवन में उसका यही पे पश्चाताप करो


याद रखो दुनिया में दौलत यही धरा रह जाएगा
याद रखो आखिरी में बस सुकर्म ही काम में आएगा

खूब कमाओ धन दौलत भरा लाख भंडार रहे
पर माता पिता नहीं सुखी तो सारा धन बेकार रहे

पैसा कुछ कम भी हो तो मा बाप की दौलत कमा लेना
जितना कर्ज उतार सको इस जीवन में ही उतार देना

बनी रहेगी दोनो दुनिया दिल में भी बोझ नहीं होगा
सीख के बेटा नाम करेगा तू वहां से देख के खुश होगा

© Anjaan