...

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एक बात पूछनी थी
माँ एक बात पूछनी थी तुझसे
जननी मेरी तू नहीं है अब
मेरे जन्मदिवस पर अब
कौन उतारेगा नज़र मेरी अब
कौन लेगा बलाइयाँ मेरी अब
कौन दुलार करेगा मेरे जन्मदिन पर अब
सब है मेरे पास पर तेरी नज़र नहीं अब
जो सब से अनमोल था आशीर्वाद तेरा वो भी नहीं अब
पता नहीं कैसे बिना काले टीके के दिन गुज़ारेगा अब
तुझे बहुत याद करता हूँ मैं कम से कम
गले लगाने ही आजा अब
नहीं चाहिए कोई उपहार नहीं चाहिए कोई उत्सव
बस तू आजा बस तू आजा तेरे बिन सब सूना अब
माँ
© 𝕤𝕙𝕒𝕤𝕙𝕨𝕒𝕥 𝔻𝕨𝕚𝕧𝕖𝕕𝕚