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किरदार...पार्ट 01 ...

...dinner is ready ...

चल अब छोड़ दे उम्मीद इनसे ये
सफर के तेरे हिस्सेदार थोड़ी है

चंद किस्से वक्त गुजारी के
दरकार है इनकी ये तेरी
कहानी के किरदार थोड़ी है

हंसी खुशी की बाते ,मुस्कराहट
बांटेगा कब तलक ये तेरा दर्द
सुन ने के तलबगार थोड़े है

टूट रहे है दिल यहां थोक में
मकानों से ज्यादा एक दिन
सबको समझ आएगा भाई
पढ़े लिखे है सब गवार थोड़े है

हर तीसरा बन के बैठा है लव गुरु यहां
अपनी बहन ,बेटी,मां की तकलीफ के
जानकर थोड़े है

और तू क्यों वक्त इतना जाया करता है
यहां बाप भरोसे ये है तेरी तरह घर के
जिम्मेदार थोड़े है

ये दूसरा डूंड लेते है पहला छोड़ने से पहले
किसी एक का ताउम्र तेरी तरह इंतजार थोड़े है

यार ,मां, बाप, भाई, बहन सब से झूठ बोलते
ओढ़े झूठी वफा है कोई वफा दार थोड़े है

बंद करदे इसे "गुरु"की दम घुटने लगा है
अबे दिल है तेरा कोई बाजार थोड़े है

ये अकेलापन तुझे क्या सताएगा
तन्हाई कितनी कीमती है पता है न
औरों के जैसे तू कोई बीमार थोड़े है

चंद किस्से वक्त गुजारी के है दरकार इनकी
ये तेरी कहानी का किरदार थोड़े है
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© ✍️G।D।S
© ✍️artist@1999