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शराब ___
RAAJ PREEET

सांसे तो चलती है पर जिन्दगी ख्याब होती है
चिज हमारे पास बड़ी लाजबाब होती है
शाम ढलते ही PREEET चली आती है दोनो
दिल मे यादें हाथों मे शराब होती है
अब किसको कहें अपना किसको पराया जाने
उलझनों मे बहुत जिन्दगी जनाब होती है
नशे के बिना PREEET जिना नही गंवारा
माना मेरे दोस्त यह आदत खराब होती है
पुरानी कहानियाँ जब भी उजागर होती है
फिर दिल मे यादें हाथो मे शराब होती है
PREEET जिन्दगी के पन्नो को जब भी पलटते है
आसूँऔ मे चेहरे फिर बहुत टपकते है
दिल मे हाल है यही यादो के जैसे घर मे जाले लटकते है
सिमट कर बस रह गई है यह जिन्दगी
जैसे चारो तरफ तपिश तपन की ताब होती है
फिर दिल मे यादें हाथों मे शराब होती है
किस को अपना बनाये अब
किस को हाल सुनाये अब
शायरी मे किसका नाम लिख जायें अब
PREEET किस से दिल लगायें अब
कैसै खुद को समझाये अब
किसको हाल सुनाये अब
मयखानो मे है पडी
जिन्दगी नशे पर है खड़ी
आदत है यह खराब बड़ी
राहों मे है PREEET कांटे बहुत
जिन्दगी हर किसी की कहाँ आफताब होती है
फिर दिल मे यादें हाथों मे शराब होती है
शायर PREEET के किसने है समझे
छौड गया वो जिसने है समझे
आग मे हाथ अब ढाला न जाये
हमसे रिशता कोई निकाला न जाये
वहम कोई भी पाला न जाये
हमे छौड कर दोस्त मेरे
जिन्दगी हर किसी की हशीं ए गुलाब होती है
फिर दिल मे यादें हाथों मे शराब होती है

© आवारा पागल दीवाना