ख़ुद को संभाला है.....✍️
कुछ ख़ामोश ज़ख्म,
लिए बैठें है न जानें कितने यहां,
आंखो में कई ख़्वाब अधुरे ,
लिए बैठें है न जानें कितने यहां,
होठों पर ख़ामोशी का साया,
लिए बैठें है न जानें कितने यहां,
कोई इश्क़...
लिए बैठें है न जानें कितने यहां,
आंखो में कई ख़्वाब अधुरे ,
लिए बैठें है न जानें कितने यहां,
होठों पर ख़ामोशी का साया,
लिए बैठें है न जानें कितने यहां,
कोई इश्क़...