...

8 views

अपने अपने दायरे में
इंसान अपने अपने दार्येरे में आज जीना सीख गया ,
मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा सब आज सुनसान हो गया ,
घरों में रहना आजकल ख्वाहिश नहीं ,
मानो सबकी मजबुरी बन गया ,
इंसान अपने अपने दायरे में आज जीना सीख गया ।
आज ऐसा वक़्त आया कि इंसान गुमनामी में ,
और जानवर, पक्षी सारे सुकून ले गया ,
सालों से चला आ रहा अनादर प्रगति का,
एक झटके में बदला ले गया ,
इंसान अपने अपने दायरे में आज जीना सीख गया ।...