...

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ओ रंगरेज
ओ रंगरेज मेरे
अपने ही रंग में
आज क्यूँ ना
तू मुझे रंग दे
वो प्यार का रंग
वो मुसकुराहट का सबब
वो तेरी भीनी सी खुश्बू
क्यूँ ना तू मुझे
उन् सारे हको से
वाकिफ करदे

ओ रंगरेज मेरे
अपने ही रंग में
आज क्यूँ ना एक बार
तू मुझे रंग दे
वो तेरे गमो की रातें
वो तेरी मुश्किलो की बातें
वो तेरे चेहरे कि धुंध
क्यूँ ना तू
अपनी इस दीवानी को
इस् हसीन सौदे मे दे दे

ओ रंगरेज मेरे
अपने ही रंग में
एक् बार ही सही
तू मुझे को रंग दे


© Confusedtales