कुछ दिन पहले।
कुछ दिन पहले हमारा बचपन था,
हम मस्ती में रहते थे,
ना कोई डर था,
ना कोई फिकर,
मिट्टी के खिलौने बनाते थे,
खट्टे- मीठे आम और इमली,
सहेलियों के संग खूब खाते थे,
बहुत खूबसूरत था...
हम मस्ती में रहते थे,
ना कोई डर था,
ना कोई फिकर,
मिट्टी के खिलौने बनाते थे,
खट्टे- मीठे आम और इमली,
सहेलियों के संग खूब खाते थे,
बहुत खूबसूरत था...