उड़ान
मयस्सर लाख ऊंचाई हो,
दफन जमीन में ही होना है।
जीवन भर करना कोशिश है,
हिसाब में क्या पाना क्या खोना है।
आज प्रेम करते हो,
कल पलके भिगोना है।
शरीर इंसान का लेकर,
फिर भी इंसान होना है।।
शेष बहुत कुछ रह जाता है,
यही जीवन का रोना है।
तुम फासलों से...
दफन जमीन में ही होना है।
जीवन भर करना कोशिश है,
हिसाब में क्या पाना क्या खोना है।
आज प्रेम करते हो,
कल पलके भिगोना है।
शरीर इंसान का लेकर,
फिर भी इंसान होना है।।
शेष बहुत कुछ रह जाता है,
यही जीवन का रोना है।
तुम फासलों से...