जय जय राम , जय सियाराम
जय जय राम ,जय सियाराम ,भक्तशिरोमणि तुम्हीं प्रणाम।
बल बुद्धि विद्या के तुम दाता,तुम्हारो जस सब कोई गाता।।
चैत्र शुक्ल पूर्णिमा जब आवे,तुम्हारी जयंती सारा जग मनावे।।
अंजनी पुत्र वीर हनुमाना, केशरिन्नदन जगत बखाना।
पवन पुत्र वीर बजरंगी, चलत राम प्रण ले तब डोलत धरनी।।
हे शिव के रुद्रावतारी, हरे शोक सब विपदा टारी।
तीनों लोक नाम गुण गावे, जब प्रसन्न हनुमान हो जावे ।।
लाल सिंदूर लाल लंगोट जो लाते, श्रद्धा भाव तुम्ही चढ़ते।
भूत प्रेत सगरे भय खावे, जब महावीर का जाप सुनावे।।
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता, तुम्हारी शरण जो भी आता।
सुंदरकांड का पाठ सुनावे, हर कष्टों से छुटकारा पावे ।।
संकटमोचन तुम्हारो नाम, नाम जपे जो सुबहो शाम।।
महाबली राम भक्त तुम , बिगड़े बनाते उसके काम ।
जय जय राम, जय सियाराम , अंजनी पुत्र वीर हनुमान।
स्वरचित छंद
© -Pandit Neeraj Mishra ✍️
बल बुद्धि विद्या के तुम दाता,तुम्हारो जस सब कोई गाता।।
चैत्र शुक्ल पूर्णिमा जब आवे,तुम्हारी जयंती सारा जग मनावे।।
अंजनी पुत्र वीर हनुमाना, केशरिन्नदन जगत बखाना।
पवन पुत्र वीर बजरंगी, चलत राम प्रण ले तब डोलत धरनी।।
हे शिव के रुद्रावतारी, हरे शोक सब विपदा टारी।
तीनों लोक नाम गुण गावे, जब प्रसन्न हनुमान हो जावे ।।
लाल सिंदूर लाल लंगोट जो लाते, श्रद्धा भाव तुम्ही चढ़ते।
भूत प्रेत सगरे भय खावे, जब महावीर का जाप सुनावे।।
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता, तुम्हारी शरण जो भी आता।
सुंदरकांड का पाठ सुनावे, हर कष्टों से छुटकारा पावे ।।
संकटमोचन तुम्हारो नाम, नाम जपे जो सुबहो शाम।।
महाबली राम भक्त तुम , बिगड़े बनाते उसके काम ।
जय जय राम, जय सियाराम , अंजनी पुत्र वीर हनुमान।
स्वरचित छंद
© -Pandit Neeraj Mishra ✍️
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