...

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शांत कमरा शोर अंदर है!!
शांत कमरा पर शोर अंदर है
होंठ सूखे आँखों मे समंदर है
किताबों में खोए सादिया बीती
दिल हो चुका अब बंजर है..!!

जिंदगी की तलाश में यू भटके हैं
कुछ खबर नहीं कहा अटके हैं
खौफ़ सा दिख रहा हर मंजर है
होंठ सूखे आँखों मे समंदर है..!!

एक उम्मीद में शहर छोड़ आए हैं
घर से भी रिश्ता तोड़ आए है
अब जो तन्हाई का चुभ रहा खंजर है
होंठ सूखे आँखों मे समंदर है !!

© shiveshpatel