एक सवाल...
क्यों लड़कियों को बोझ समझ लिया जाता है...??बिना कुछ किए भी बदनाम किया जाता है..
सोचते है बेटा पढ़ेगा तो नाम होगा....
लेकिन बेटी घर से निकले तो नाम बदनाम होगा..
.
क्यों नहीं आजादी दी जाती लडको जैसी..
दुनिया की ये कुटिल रीत है कैसी...
लड़की की डोर को हाथो से हमेशा थाम लिया जाता है..
क्यों लड़कियों को बोझ मान लिया जाता है...???
लड़का उपलब्धि हासिल करे तो तारीफ दी जाती है..
फिर लड़की से क्यों...
सोचते है बेटा पढ़ेगा तो नाम होगा....
लेकिन बेटी घर से निकले तो नाम बदनाम होगा..
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क्यों नहीं आजादी दी जाती लडको जैसी..
दुनिया की ये कुटिल रीत है कैसी...
लड़की की डोर को हाथो से हमेशा थाम लिया जाता है..
क्यों लड़कियों को बोझ मान लिया जाता है...???
लड़का उपलब्धि हासिल करे तो तारीफ दी जाती है..
फिर लड़की से क्यों...