khayal
#इंतज़ार
ख्याल में भी जिसके हम नहीं आते हैं
क्यों बार बार उसे हम दिल लगाते हैं
हर गली कूचे पर है जिसका इंतज़ार
वो मिलने पर हमसे नज़रे चुराते हैं
चेहरे पर मेरे नहीं देख पाओगे उदासी तुम
हम तो मुस्कुरा के गमो को छुपाते हैं
हमें देख कर खुदा को भी तरस आ गया
एक वो हैं के अब तक हमको आज़माते हैं
करली है दोस्ती रातो ने भी हमसे अब तो
चाँद तारे भी हमारा दिल नहीं दुखाते हैं
ख़ामोशी, उदासी, दर्द, गम-ए-मोहब्बत
चलो आज फिर हम इन्हें घर बुलाते हैं
चैन से सो गया होगा वो अभी और हम
उसके ख्याल में चराग़ जलाते हैं बुझाते हैं
तुम ही बताओ नींद भी कहाँ से आए हमको
रात भर कान में जो यह सन्नाते शोर मचाते हैं
कर गया हैं जो अब तक ज़ुल्म हम पर 'यश'
चेहरे से उसके भी आज हम नकाब हटाते हैं
ना करना कभी भी तुम ज़िक्र इन बातों का
इन सभी बातों को चुप चाप यहीं दबाते हैं
करदिया हैं हमने अपना वक़्त बर्बाद बहुत
चलो फिर अब उसके ख्याल में खो जाते है
ख्याल में भी जिसके हम नहीं आते हैं
क्यों बार बार उसे हम दिल लगाते हैं
@Writco @A4455
© yashparmar1803
ख्याल में भी जिसके हम नहीं आते हैं
क्यों बार बार उसे हम दिल लगाते हैं
हर गली कूचे पर है जिसका इंतज़ार
वो मिलने पर हमसे नज़रे चुराते हैं
चेहरे पर मेरे नहीं देख पाओगे उदासी तुम
हम तो मुस्कुरा के गमो को छुपाते हैं
हमें देख कर खुदा को भी तरस आ गया
एक वो हैं के अब तक हमको आज़माते हैं
करली है दोस्ती रातो ने भी हमसे अब तो
चाँद तारे भी हमारा दिल नहीं दुखाते हैं
ख़ामोशी, उदासी, दर्द, गम-ए-मोहब्बत
चलो आज फिर हम इन्हें घर बुलाते हैं
चैन से सो गया होगा वो अभी और हम
उसके ख्याल में चराग़ जलाते हैं बुझाते हैं
तुम ही बताओ नींद भी कहाँ से आए हमको
रात भर कान में जो यह सन्नाते शोर मचाते हैं
कर गया हैं जो अब तक ज़ुल्म हम पर 'यश'
चेहरे से उसके भी आज हम नकाब हटाते हैं
ना करना कभी भी तुम ज़िक्र इन बातों का
इन सभी बातों को चुप चाप यहीं दबाते हैं
करदिया हैं हमने अपना वक़्त बर्बाद बहुत
चलो फिर अब उसके ख्याल में खो जाते है
ख्याल में भी जिसके हम नहीं आते हैं
क्यों बार बार उसे हम दिल लगाते हैं
@Writco @A4455
© yashparmar1803