...

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Ghazal

जो चाहता था आपने, जनाब दे दिया
इन कांपते लबों ने , जवाब दे दिया

खामोशियों से कब छुपा है ये कमबख्त इश्क़
कहा ना एक लफ्ज़ और हिसाब दे दिया

मालूम था हमें ही पहल करनी पड़ेगी...