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थके हुए हैं,,,,
कुछ जिंदगी उलझी हुई है कुछ लम्हें भी थके हुए हैं
पलके हैं अश्कों से भरी और हम बरसने से थमे हुए हैं
उसके देखे से जो पिघल जाते थे कभी मोम की तरह
उसकी छुअन से वही हम, आज बर्फ से जमे हुए हैं
कई बार उधेड़ी है और कई बार बुनी है ये जिंदगी
पर अब भी मेरे कई सिरे, तुझमें ही फंसे हुए हैं
खुद को भूल जाने की बात वो कह कर तो चला गया
पर आज भी हम उन लम्हों में गले तक धसे हुए हैं
© char0302
पलके हैं अश्कों से भरी और हम बरसने से थमे हुए हैं
उसके देखे से जो पिघल जाते थे कभी मोम की तरह
उसकी छुअन से वही हम, आज बर्फ से जमे हुए हैं
कई बार उधेड़ी है और कई बार बुनी है ये जिंदगी
पर अब भी मेरे कई सिरे, तुझमें ही फंसे हुए हैं
खुद को भूल जाने की बात वो कह कर तो चला गया
पर आज भी हम उन लम्हों में गले तक धसे हुए हैं
© char0302
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