...

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लम्हें इंतज़ार के
मोहब्बत का इंतज़ार करते करते,
इंतज़ार से ही अब हमको मोहब्बत हो गई है

उसके आने के राह ताकते ताकते,
आज उसी राह में यादों की मशालें जल गई है।

उसके यादों में रातों को जागते जागते
चांद के साथ जागने की आदत लगने लगी है।

हर लम्हा उसका फ़रियाद करते करते,
लम्हें इंतज़ार के ही अब हमारी ज़िंदगी बन गई है।

जुदाई के ग़म में मुद्दतों तक जलते जलते,
आज जुदाई का इंतजार ही ख़ुदाई बन गई है।
©हेमा