#पंछी #writco
ना पक्षी काक बोलत हैं
ना घर-घर गौरेया दिखत हैं
काहे ना तू प्यारे दाना डालत हैं
कभी तू इनके नीर पिलाऐ
बहुत सूकून तोहें मिल जाय
© Utsav Gupta (Mona)
ना घर-घर गौरेया दिखत हैं
काहे ना तू प्यारे दाना डालत हैं
कभी तू इनके नीर पिलाऐ
बहुत सूकून तोहें मिल जाय
© Utsav Gupta (Mona)
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