...

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उसकी नाक का मोती..
#अनमोलप्रियवस्तु

एक चाँद की मानिन्द है वो
जिसे फ़क़त देखा जा सकता है..

उसको छूने का ख़्याल
फ़क़त ख़्याल रह जाता है..

उसकी आँखों को क्या लिखूँ
उसकी पलकों को क्या कहूँ..

वो इस जहाँ का तो नहीं लगता
वो कोई आम इंसान नहीं लगता..

उसकी आँखों में चमक बहुत है
उसकी आँखों की नमी भी बहुत प्यारी है..

वो चंचल हिरनी है कभी
कभी वो मासूम सी एक नारी है..

उसकी ज़ुल्फ़ों को क्या कहूँ
काली घटायें है..

उसके दामन को क्या कहूँ
उसमें तारे समाये है..

उसकी नाक का एक मोती
सब काम ख़राब करता है..

मैं जब भी उसे देखता हूँ
मेरी आँखों में खटकता है..

वो उस्से नज़दीक़ रहता है
मेरे दिल को ज़हर लगता है..

वो उसकी नाक का एक मोती
खुद को क्या समझता है..

मेरे चांद को घेरे बैठा है
और मुझपे ही भड़कता है..

उसके लबों पर लाली सजती है
पर बिन लाली भी वो कमाल लगती है..

एक चांद की मानिन्द है वो
जिसे फ़क़त देखा जा सकता है..

© K_khan_lines ..KK.. ✍