चेहरे पर हंसी मगर आंखे नम लेकर....
चेहरे पर हंसी है
मगर आंखे नम हैं
चाहती हूँ दू हर एक उठे सवाल का जवाब
मगर संस्कारो की ए कैसी विडम्बना है,
होठों पर आकर बाते रुक जाती हैं
दिल में उठी लहरें
आँखो तक आ थम जाती हैं
आंसुओं से भरी
मगर बस आँखे नम रह जाती हैं,
दिल आंसू रोक लेता है
हैं सब अपने ही, यह कहकर
हर गम पी लेता है...
मगर आंखे नम हैं
चाहती हूँ दू हर एक उठे सवाल का जवाब
मगर संस्कारो की ए कैसी विडम्बना है,
होठों पर आकर बाते रुक जाती हैं
दिल में उठी लहरें
आँखो तक आ थम जाती हैं
आंसुओं से भरी
मगर बस आँखे नम रह जाती हैं,
दिल आंसू रोक लेता है
हैं सब अपने ही, यह कहकर
हर गम पी लेता है...