अंत में...
तुमने कभी नहीं चुना मुझे
जीवन के रास्तों में
मैं तो बस बच गई तुम्हारे पास
जब कोई ना रहा
अंत में...
उस खामोशी की तरह
जिसे कोई नहीं सुनता
बस जो रह जाती है
हर बार तुम्हारे जेहन में
किसी सुरीले गीत के बाद
किसी कहानी के खत्म हो...
जीवन के रास्तों में
मैं तो बस बच गई तुम्हारे पास
जब कोई ना रहा
अंत में...
उस खामोशी की तरह
जिसे कोई नहीं सुनता
बस जो रह जाती है
हर बार तुम्हारे जेहन में
किसी सुरीले गीत के बाद
किसी कहानी के खत्म हो...