...

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अमीबा
अमीबा !!

अमीबा ने भी लिखा होगा उगते सूरज की किरणों का सार
उसे नहीं पता था कविता लिखना क्या था।

नहीं पता था उसे ,निरंतरता की ओर ले जाते शोध का रहस्य
भावनाओं ,संवेदनाओं और परस्पर जद्दोजहद से उसका कोई वास्ता नहीं था |

नियम पता थे जीवन के , पर प्रेम नहीं पता था
उसे ज्वलंत सम्वेदना ने जलाया नहीं गया था |

अपवाद थे सहजता के कालजयी नियम...