...

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कौन कितना अपना है
न तुम्हारे आने गम था,
न तुम्हारे जाने का गम है।
हमे तो अपने प्यार पे नाज है,
हमने तुम्हे सिद्दत प्यार किया ।
धोखा तो तुम्हारे प्यार में था,
तब भी खुश थे और अब भी हम है।
मेरा क्या मैं तो जीना सीख लिया
मुस्कुरा के गम को छुपाना सीख लिया।
तू कैसे सामना करेगा अपना,
मैं तो तेरे पास से गुजर जाऊंगी ।
देखूंगी भी नही तेरे तरफ,
हर एक वादों से मुकर जाऊंगी।
हर वक्त एक जैसा नहीं होता ,
ये वक्त ही हमे सिखाता है।
अपना अपना कहने वाला,
गैरो का अहसास दे जाता है।

© Savitri..