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मजेदार आयुर्वेदिक दोहे
भोजन करें धरती पर,
अल्थी पल्थी मार।
चबा चबा कर खाइए
वैध न झोंके द्वार।।

रक्तचाप बढ़ने लगे,
तब मत सोचो भाय।
सौगंध राम की खाइके
तुरंत छोड़ दो चाय!

भोजन करके रात में,
घूमे कदम हजार
डॉक्टर , ओझा-वैद्य का
लूट जाए व्यापार!

चोकर खाने से सदा,
बढ़ती तन की शक्ति!
गेहूं मोटा पीसीए,
दिल में बढे विरक्ति!

पानी में गुड डालिए,
बीत जाए सब रात
सुबह छानकर पीजिए
अच्छे हो हालात।