...

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तेरे बगैर
नन्हीं सी चहकती मेरी सोन चिरैया,
छोड़ गई जब बनके दुल्हनियां ।
नहीं सुहाता है अब घर अंगना ,
"तेरे बगैर"सुना हुआ गली मोहल्ला ।।

याद बड़े आते है वो दिन पुराने ,
बीते सारे ही वो मौज मस्ती के ज़माने।
नहीं सुनता है अब मेरा कोई दुःख...