मेरी असमर्थता
कीट-पतंगों की तरह,
लोगों को मरते देख,
कुछ न कर पाने की
मेरी 'असमर्थता'
मुझे अंदर हीं अंदर मार रहा है।
आखिर ऐसा क्यों है
कि जो सामर्थ्यवान हैं,
इच्छा शक्ति नहीं रखते।
और कुछ असमर्थ हो कर भी,
एक तड़प लिये फिरते हैं।
उनमें एक बेचैनी-सी होती है।
एक छटपटाहट-सा होता है।
© prabhat
लोगों को मरते देख,
कुछ न कर पाने की
मेरी 'असमर्थता'
मुझे अंदर हीं अंदर मार रहा है।
आखिर ऐसा क्यों है
कि जो सामर्थ्यवान हैं,
इच्छा शक्ति नहीं रखते।
और कुछ असमर्थ हो कर भी,
एक तड़प लिये फिरते हैं।
उनमें एक बेचैनी-सी होती है।
एक छटपटाहट-सा होता है।
© prabhat