...

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मोह्हबत.... One Sided Love
कोई तो कशिस होगा इस मोह्हबत में
जो मुझे तेरे और खीच रहा है
बेशक दर्द ही सही
कुछ तो अपना लग रहा है
क्या है यह एक तरफ़ा वाला प्यार
पहले से ही हर वक़्त तेरे बिना
बेचैन सा लगा रहा है
खिल रहे हैं फूल
बागियों में हमारे
खुसबू का मांग कर रहे हैं
टाल देते हैं यह कह कर
कहाँ से लायेंगे उसको हम
वो सपनो के दुनिया में घुल रहे हैं
इन्तिज़ार तो हमे भी है
उनसे मिले सामने
यादें अब शोर कर रहे हैं
लुभाते हैं उसकी बातें दिल की
जहाँ थे अब वहीं रह गए हैं...
© Ritesh Dash