HARSH REALITY ! ?
लोगो से दुरिया बढ़ाने लगी हूँ ।
लाखों की भीड़ में भी खुद को अकेला पाने लगी हूँ।
अब मन नहीं करता किसी को कुछ बताने का ,
जो कोई पुछ दे हाल ,
दिल इजाज़त नहीं देता अपना दर्द...
लाखों की भीड़ में भी खुद को अकेला पाने लगी हूँ।
अब मन नहीं करता किसी को कुछ बताने का ,
जो कोई पुछ दे हाल ,
दिल इजाज़त नहीं देता अपना दर्द...