सबको बताना
मेरी आँखों के ख़्वाब तुमने देखे थे,
सब कुछ सामने था तुम्हारे..
मेरा टूटना-बिखरना भी तुमसे छुपा नहीं,
मेरा हर ख़ौफ़ भी सामने था तुम्हारे।
मेरी जो कभी कोई बुराई करे अगर,
या बातों ही बातों में जो मेरा ज़िक्र हो..
तो बताना मैं कमज़ोर बहुत थी,
तो बताना मेरी दुनिया सिमटी बहुत थी।
मगर ये भी बता देना..
मेरी फितरत में फ़रेब नहीं है,
जो छुपाना पड़े तुम्हें,
ऐसा मुझमें...
सब कुछ सामने था तुम्हारे..
मेरा टूटना-बिखरना भी तुमसे छुपा नहीं,
मेरा हर ख़ौफ़ भी सामने था तुम्हारे।
मेरी जो कभी कोई बुराई करे अगर,
या बातों ही बातों में जो मेरा ज़िक्र हो..
तो बताना मैं कमज़ोर बहुत थी,
तो बताना मेरी दुनिया सिमटी बहुत थी।
मगर ये भी बता देना..
मेरी फितरत में फ़रेब नहीं है,
जो छुपाना पड़े तुम्हें,
ऐसा मुझमें...