स्त्री वो संगीत है
गुनगुना सके जिसे एकान्त में स्त्री वो संगीत है।
महफ़िल में चार चाँद लगा दे जो स्त्री वो गीत है।
गुलज़ार कर देती है वो माली सूनसान शजर भी,
दूर रह कर भी जो कुर्ब़त में हो स्त्री वो मीत...
महफ़िल में चार चाँद लगा दे जो स्त्री वो गीत है।
गुलज़ार कर देती है वो माली सूनसान शजर भी,
दूर रह कर भी जो कुर्ब़त में हो स्त्री वो मीत...