दर्द
#खोईचाबियाँ
जिंदगी ने भगाया है...
या किस्मत ने खेला है...
क्या जानूं!?
कसूर किसका है!?
एक दर्द मेरे हिस्से आया है...
बहुत कुछ पाकर भी मैने देखा है...
हासिल कुछ भी नहीं हुआ है...
उस बंजारे सी जिंदगी हो गई है...
जिसका काफिला भी पीछे छूट चुका है...
...
जिंदगी ने भगाया है...
या किस्मत ने खेला है...
क्या जानूं!?
कसूर किसका है!?
एक दर्द मेरे हिस्से आया है...
बहुत कुछ पाकर भी मैने देखा है...
हासिल कुछ भी नहीं हुआ है...
उस बंजारे सी जिंदगी हो गई है...
जिसका काफिला भी पीछे छूट चुका है...
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