...

17 views

भीड़ के भेड़ भरे आदम
#भीड़कीकविता

पैरों में खरगोश सी चाल लिए,
वो चलती जा रही थी,
मिलने अपने प्रियवर से,
बिजली के एक खंभे से दफ्तर के दुकान तक,
जहां तक नजर जाती है चौराहे के उस पार तक,
भीड़ मसगुल थी भागने के फिराक में,
श्रमिक चाचा अपनी हंसिया उठाए,
सड़क किनारे,
...